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Wednesday, 29 July 2015

उम्मीद The hope



                                 " उम्मीद "
Happiness

"उम्मीद " किसे कहते हैं ?

अगर साइक्लोजी की भाषा में कहा जाये तो " उम्मीद मन का एक आशावादी रवैया है जो किसी व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं और परिस्थितियों से सम्बंधित सकरात्मक परिणाम की आशा पर आधारित है। "

 लेकिन अगर मुझे इससे अपने शब्दों में परिभाषित करना हो तो में कहूँगा कि  " उम्मीद ज़िन्दगी के लिए एक टॉनिक हैं.… जो आगे बढ़ने के लिए, गिर कर संभलने के लिए , कुछ नया करने  लिए इंसान को प्रेरित करता है यह एक भरोसा है कि नाकामियों की रात चाहे कितनी ही लम्बी क्यों हो , कितनी भी गहरी क्यों हो संभावनाओं की सुबह ज़रूर होगी...."

 अब सोचिए एक उम्मीद की किसी के जीवन में क्या कीमत हो सकती है ?

 अगर जानना चाहें तो कभी एक बार उस बच्चे से पूछिये  स्कूल रेस में हार गया हैउस इंसान  पूछिये जो अपने ख़्वाबों को सच करने की ख़्वाहिश लिए अपने सपनों के पीछे भाग रहा हैउस औरत से पूछिये जो अपने बच्चे की मैडीकल रिपोर्ट हाथ में लिए एकटक डॉक्टर की आँखों में देख रही हैकभी खुद से पूछिये यदि आप इनकी जगह होते तो आपके लिए आशा की एक किरण की क्या कीमत होती ..... मेरे लिए तो अनमोल होती 

  कहीं कहीं हर इंसान उम्मीद की  डोर से बंधा हुआ है .... हम सबके दिल में आशा होती है एक बेहतर ज़िन्दगी की, एक बेहतर कल की, खुशियों कीमुस्कुराहटों की हमने अक्सर सुना है कि आशा पर दुनिया कायम है इसलिए कभी निराशा नहीं होना चाहिए क्योंकि ये आशा ही है जो किसी व्यक्ति को नकरात्मक और निराशावादी स्थिति में भी आशावादी और सकरात्मक बनाए रखती है।

  ज़िन्दगी में लक्ष्य छोटा हो या बड़ाकोई पहाड़ चढ़ना हो या मुश्किलों का पहाड़ तोड़ना हो, उम्मीद वो जस्बा है जो हमें हर तरह के हालात का सामना करने की हिम्मत देती है।
अब बात आती है कि आखिर जीवन में  एक उम्मीद की इतनी अहमियत क्यों है ? इस सवाल के जवाब के लिए मैं आपके सामने दो तस्वीरें रखने जा रहा हूँ और आप कल्पना कीजिये कि आप इन तस्वीरों  हिस्सा हैं :

1.   आप एक समुद्र  किनारे सूर्यास्त के अदभुद नज़ारे का आनंद ले रहें हैं ....लहरें उमड़-उमड़ कर किनारों की मिट्टी से खेल रही हैंआपके पैरों  के निशान पानी में घुलते जा रहें हैं और नए निशान बनते जा रहे हैं सूरज की आख़री किरणे आप में एक नया जोश भर रही हैं और आप मुस्कुरा कर नई सुबह  इंतज़ार में एक खूबसूरत शाम का लुत्फ़ उठा रहें हैं.… 

2.   अब कल्पना कीजिये कि आप उसी समुद्र के किनारे बैठे उसी सूर्यास्त को देख कर सोच रहे हैं कि इस वक्त आपको रात का खाना बनाना चाहिए था या ऑफिस का कोई काम ख़त्म करना थाऔर यही सोच कर आप सूर्यास्त का आनंद नहीं उठा पाते और एक निराशा भरी सोच से घिर जाते हैं 
 
Hope
  बताइये आप ख़ुद को किस तस्वीर में देखना पसंद करेंगे ; एक आशाओं और सम्भावनों से भरी शाम में या एक निराशाओं से भरी शाम में ? इस सवाल का जवाब आपको मुझे नहीं स्वयं को देना हैमैं तो सिर्फ इतना ही कहूँगा कि उम्मीद सिर्फ एक अच्छा महसूस करवाने वाला सिर्फ  एहसास मात्र नहीं है बल्कि अपने आप में ही एक प्रेरणा है।

 आपने देखा होगा कि जो लोग  आशावादी नहीं होते या जिनमें आशा की  कमी होती है ऐसे लोग आसान रास्ते चुनते हैं जिनमें तो चुनौतियाँ होती हैं ही आगे बढ़ने की संभावनाएं और यदि कभी ऐसे लोगों को हार का मुहं देखना पड़े तो  ऐसे व्यक्ति अपना आत्मविश्वास तक खो बैठते हैं और तो और जो लोग ऐसी मानसिकता रखते हैं वे अपनी काबिलियत , अपनी खूबियों पर भी यकीन नहीं कर पाते।  वहीं दूसरी ओर  उम्मीद सीधे-सीधे हमें नई संभावनाओं  से जोड़ देती है और अपनी खूबियों पर भरोसा करना सिखाती है। 

 आप जानते हैं उम्मीद सबसे अच्छी बात क्या है ? " यह  सिर्फ ख्याली पुलिंदे नहीं बनती बल्कि  अपने विचारों पर काम करने की प्रेरणा देती है " क्योंकि आशा हमारी  वर्तमान की हक़ीक़त से जन्म लेती है और हमारे अतीत और भविष्य को आपस में  जोड़कर वर्तमान में काम करना सिखाती है। 

 इसलिए हमें कभी उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए   क्योंकि यह सिर्फ हमें सकरात्मक और आशावादी बनाती है बल्कि अपनी खूबियों की साथ ही दूसरों की खूबियों की कदर करना सिखाती है क्योंकि यह  सभी के जीवन के लिए एक टॉनिक है जो हमें जीना सिखाती है.....

 हमेशा याद रखिये कि नाउम्मीदियों और नाकामियों का अँधेरा कितना ही घना क्यों हो ,उम्मीद की सुबह हर एक के जीवन में अवश्य होती है .....